बिहार की सियासत में तीज-त्योहारों का बड़ी भूमिका रहती है. यहां त्योहारों पर अक्सर सियासी रिश्ते बनते-बिगड़ते रहते हैं. प्रदेश की जनता ने कई बार त्योहारों के दौरान सत्ता बदलते देखी है. यही वजह है कि जब भी कोई पर्व आता है, प्रदेश का सियासी पारा चढ़ जाता है. प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है और चुनावी साल की ईद के दौरान सियासी हलचल तेज हो गई है. ईद के दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी मुस्लिम नेता ने राजद अध्यक्ष लालू यादव से मुलाकात करके सियासी पारे को चढ़ा दिया है. अब सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है कि क्या सीएम नीतीश ने लालू यादव के ऑफर को कबूल कर लिया है और अपने करीबी MLC गुलाम गौस के जरिए राबड़ी आवास में ‘कबूलनामा’ भिजवाया है.

तू मुझे कबूल मैं तुझे कबूल…बिहार की राजनीति में क्या फिर से शुरू हो सकता है नया सियासी अध्याय
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