कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल न होने से मर्डर के आरोपियों ने ले ली जमानत, डीआईजी के एक्शन पर नपे इंस्पेक्टर
पूर्णिया में मीरगंज थानाध्यक्ष पर निलंबन की गाज गिरी है। निलंबन की ये कार्रवाई पूर्णिया डीआइजी प्रमोद कुमार मंडल की ओर से गई है।
डीआईजी ने मीरगंज थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजेश कुमार रंजन को हत्या के आरोपियों के खिलाफ निर्धारित समय के भीतर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल न करने का दोषी पाया। इसी के बाद बड़ा एक्शन लेते हुए
मीरगंज थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजेश कुमार रंजन तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। डीआईजी ने एसपी कार्तिकेय शर्मा को 7 दिनों में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
बीते दिनों मीरगंज थाना क्षेत्र में हुए मर्डर से जुड़े एक मामले में मीरगंज के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजेश कुमार रंजन खुद इस केस के इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर थे। पिछले साल ही ये केस दर्ज हुआ था। इसी मामले में इंस्पेक्टर को 90 दिनों के अंदर केस से जुड़े आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करना था। आरोप पत्र दाखिल न हो पाने से कोर्ट ने केस से जुड़े आरोपियों को बीते 13 फरवरी को जमानत दे दी थी। इसे ही आधार बनाते हुए एसपी ने डीआईजी से कार्रवाई की अनुशंसा की, मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी ने एक्शन लेते हुए तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर राजेश कुमार रंजन को निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान इंस्पेक्टर पुलिस केंद्र पूर्णिया में ही रहेंगे। डीआइजी ने इंस्पेक्टर राजेश रंजन के खिलाफ एसपी को 7 दिनों के अंदर विभागीय कार्रवाई शुरू करने कहा है।
जानकारी देते हुए पूर्णिया डीआइजी प्रमोद कुमार मंडल ने कहा कि
पिछले साल ही मीरंगज थाना में हत्या का एक मामला दर्ज हुआ था।
मामले में आरोपियों के खिलाफ 90 दिनों की समय सीमा के अंदर कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित करना था। मगर ऐसा नहीं हुआ। इसी को आधार बनाते हुए आरोपियों ने जमानत ले ली थी। इसी के बाद बड़ा एक्शन लेते हुए मीरगंज थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजेश कुमार रंजन तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।