“शिक्षकों के सम्मान, हक और हकूक की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है” – पवन कुमार जायसवाल

रुपौली संवाददाता – पांडु कुमार

रूपौली (पूर्णियाँ) रूपौली काली मंदिर परिसर शनिवार को शिक्षकों की एकजुटता का गवाह बना, जहां बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ, इकाई रूपौली की अहम बैठक जोरदार अंदाज़ में संपन्न हुई। अध्यक्षता शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष नीरज कुमार ने की और संचालन की बागडोर संभाली संघ के कर्मठ सचिव शम्स तबरेज ने।बैठक में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जिलाध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल ने साफ शब्दों में कहा – अब आर-पार की लड़ाई होगी। सरकार शिक्षकों को भ्रमित कर उनके हक से वंचित करना चाहती है, लेकिन हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। जब तक नियोजित शिक्षकों को सहायक शिक्षक का दर्जा, 9300-34800 वेतनमान और पुरानी पेंशन योजना नहीं मिलती, तब तक संघर्ष रुकने वाला नहीं है।उन्होंने कहा कि सरकार की सक्षमता परीक्षा योजना शिक्षकों को अपमानित करने और अस्थिरता में डालने की सोची-समझी साजिश है।
“शिक्षक शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं, और रीढ़ को कमजोर करना देश के भविष्य से खिलवाड़ है,” — ऐसा बोलते हुए उन्होंने शिक्षकों के भीतर जोश भर दिया।बैठक में निम्नलिखित प्रमुख मांगों पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया – बीपीएससी एवं विशिष्ट शिक्षकों को सेवा निरंतरता का लाभ व सभी नियोजित शिक्षकों को कलबद्ध प्रोन्नति एवं स्नातक ग्रेड,बीएससी शिक्षकों के लिए सेवा पुस्तिका संधारण व वार्षिक वेतन वृद्धि व शनिवार को विद्यालयों में हाफ डे की व्यवस्था,पुरानी पेंशन योजना की बहाली, प्रखंड शिक्षा विकास पदाधिकारी पद के लिए उम्र सीमा में शिथिलता और शिक्षकों को संगठित करने हेतु सघन सदस्यता अभियान।बैठक में कुंदन कुमार भारती, विकास कुमार, विश्व प्रकाश जायसवाल, संजीव कुमार, मिथिलेश कुमार, शंकु कुमार, घनश्याम रजक, संजय शाह, दिनेश दिनकर, मुरारी कुमार, रमेश कुमार, नूर आलम सहित दर्जनों शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में आवाज़ बुलंद की —
“अब और नहीं सहेंगे अन्याय, शिक्षा कर्मियों को उनका अधिकार देना होगा।बैठक के अंत में जिलाध्यक्ष ने जानकारी दी कि अगली बड़ी रणनीतिक बैठक 21 अप्रैल 2025 को पूर्णिया में आयोजित की जाएगी, जिसमें जिला स्तर पर संघर्ष को और धार दी जाएगी।यह केवल वेतन की लड़ाई नहीं, यह स्वाभिमान और भविष्य की लड़ाई है – और इसे अब हर हाल में जीतना है।

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